अॅगस्ट क्रान्ति स्कूल
उस बच्चे का चेहरा मेरा जाना पहचाना था ।
मैंने देखा था उसे मॅकडोनाल्ड के सामने ।
ट्राफिक सिग्नल पर ,सेंटर वन के सामने ।
मैंने देखा था उसे बोरा ढोते हुए ।
क्योंकि, जिस राह से मैं रोज़ गुज़रती थी,
वही राह उसका गुज़ारा करती थी ।
फिर मैंने देखा उसे ' अॅगस्ट क्रान्ति स्कूल' में ।
मैंने देखा उसे पढ़ते-लिखते -गाते हुए ।
देखा उसे गणपति की मूर्ति गढ़ते हुए ।
आज भी उसका चेहरा मेरा जाना पहचाना है ।
पर अब उसकी आँखो में चमक और ओंठो पे मुस्कान है ।
कुछ पा जाने की ख़ुशी और बहुत कुछ कर दिखाने की उमंग है ।
स्मिता घाटे
१३/०८/२०१४
उस बच्चे का चेहरा मेरा जाना पहचाना था ।
मैंने देखा था उसे मॅकडोनाल्ड के सामने ।
ट्राफिक सिग्नल पर ,सेंटर वन के सामने ।
मैंने देखा था उसे बोरा ढोते हुए ।
क्योंकि, जिस राह से मैं रोज़ गुज़रती थी,
वही राह उसका गुज़ारा करती थी ।
फिर मैंने देखा उसे ' अॅगस्ट क्रान्ति स्कूल' में ।
मैंने देखा उसे पढ़ते-लिखते -गाते हुए ।
देखा उसे गणपति की मूर्ति गढ़ते हुए ।
आज भी उसका चेहरा मेरा जाना पहचाना है ।
पर अब उसकी आँखो में चमक और ओंठो पे मुस्कान है ।
कुछ पा जाने की ख़ुशी और बहुत कुछ कर दिखाने की उमंग है ।
स्मिता घाटे
१३/०८/२०१४
mast
ReplyDeleteThank you sampada
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